दांतों में कीड़े लगने के क्या है, लक्षण, कारण, प्रकार, बचाव व इलाज के तरीके !

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    दांतों में कीड़े लगने के क्या है, लक्षण, कारण, प्रकार, बचाव व इलाज के तरीके !

    दांतों में कीड़े का लगना मतलब अच्छी खासी जिंदगी के कुछ पलों का ख़राब होना है, क्युकि दांत में लगें कीड़े की वजह से हम काफी परेशान हो जाते है, क्युकी इस तरह की अवस्था में व्यक्ति कुछ भी नहीं खा पाता जिसके चलते उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, पर आप घबराए न क्युकि आज के लेख में हम बात करेंगे की कैसे दांतों में लगे कीटाणुओं से हम खुद की रक्षा कर सकते है ;

    दांतों में कीटाणु का लगना क्या है ? 

    • अक्सर दिन में कितना कुछ खाने की वजह से हमारे मुंह में कई सारे बैक्टीरिया मौजूद होते है। इनमें से कुछ बैक्टीरिया मौखिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते है, लेकिन कुछ ऐसे भी होते है, जिनके कारण मुंह से संबंधित समस्याएं होने लगती है। ये बुरे बैक्टीरिया मुंह में एसिड बनाते है और दांतों की कठोर परत (एनामेल) को नष्ट करने लगते है। इस कारण दांतों में कीटाणु लगते है।
    • वहीं दांतों में कीटाणु या उनका क्षय होने से उनमें छोटे-छोटे छेद हो जाते है, जिन्हें हम कैविटी कहते है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बच्चे इस समस्या की चपेट में आसानी से आ जाते है। यदि दांतों की सड़न का इलाज नहीं किया जाता है, तो इसके कारण दर्द, संक्रमण और कई सारी बीमारियां हो सकती है।

    दांतों में कीटाणु लगने के लक्षण क्या है ?

    • दांत में हल्का या तेज दर्द का होना। 
    • खाद्य या पेय पदार्थों से दांतों में ठंडा या गर्म का लगना। 
    • दांतों पर सफेद या भूरे रंग के धब्बों का दिखना। 
    • दांतों में छेद दिखाई देना। 
    • मुंह का इंफेक्शन, जिससे मसूड़ों या चेहरे पर सूजन या फिर बुखार का आना।   

    दांतों में कीटाणु के लक्षण दिखने पर जल्द लुधियाना में सबसे अच्छे डेंटिस्ट का चयन करें।

    दांतों में कीटाणु लगने के क्या प्रकार है ?     

    • दांतों में कीटाणु लगने को उसकी जगह के हिसाब से चार भागों में वर्गीकृत किया गया है, जैसे –         
    • कीटाणु के जगह के हिसाब से। 
    • कीटाणु फैलने के दिशा के अनुसार। 
    • कीटाणु के चरण के हिसाब से। 
    • कीटाणु के गति के अनुसार।

    दांतों में कीटाणु लगने के कारण क्या है ?

    • चिपचिपे खाद्य पदार्थों का सेवन, जैसे कैंडी। 
    • शुगर व स्टार्च वाले खाद्य या पेय पदार्थ जैसे दूध, सोडा व जूस का लगातार सेवन करना। 
    • मुंह और दांतों की अच्छे से सफाई न करना भी इसके एक कारण में शामिल है। 
    • मुंह का सूखापन यानी मुंह में लार की कमी भी इसके कारण में शामिल है। 

    दांतों में लगें कीटाणुओं से हम कैसे खुद क बचाव कर सकते है ?

    • रोजाना ब्रश करके अपने दांतों की अच्छे से सफाई करें। 
    • मीठी चीजों का कम सेवन करें। 
    • फ्लोराइड युक्त पेस्ट का सेवन करें। 
    • कुछ भी खाने के बाद दांतों की अच्छे से सफाई करें।

    दांतों में लगें कीटाणु से बचाव का घरेलु उपाय !

    • नारियल के तेल से कुल्ला करें। 
    • लौंग के तेल को कीटाणु वाली जगह पर लगाए। 
    • नमक पानी के मिश्रण से कुल्ला करें। 
    • फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से अपने दांतों को साफ़ करें। 
    • शुगर फ्री गम का सेवन करें।

    दांतों में लगें कीटाणुओं का इलाज कैसे किया जाता है ?

    • इसके इलाज में सबसे पहले अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा फ्लोराइड ट्रीटमेंट, का उपयोग किया जाता है। फ्लोराइड के उपयोग से एनेमल को रिपेयर किया जाता है, जिससे कैविटी से बचाव हो सकता है।
    • फिर फिलिंग, ट्रीटमेंट का सहारा लेकर कैविटी का इलाज किया जाता है। फिलिंग से पहले डॉक्टर कैविटी वाले दांत के ऊतकों को हटा देते है।
    • यदि आपके दांतों में संक्रमण अंदर तक फैल गया है, तो इसके लिए डॉक्टर रूट कैनाल का चयन करते है। इसमें डेंटिस्ट जड़ तक सड़े हुए दांतों की रूट को साफ करते है। इसके बाद अस्थायी फिलिंग कर दी जाती है। फिर कुछ समय के बाद दांतों को स्थायी रूप से भरके उस पर फिलिंग या क्राउन चढ़ाया जाता है।
    • कई दफा संक्रमण की समस्या गंभीर होने पर डेंटिस्ट सड़े हुए दांतों को जड़ से निकाल देते है, और इस दांत के स्थान पर कोई दूसरा या नकली दांत लगाया जा सकता है।

    आप चाहे तो अपने गंभीर कीटाणु लगें दांतों का इलाज लुधियाना डेंटल सेंटर से भी करवा सकते है।

    निष्कर्ष :

    दांतों में लगें कीटाणु का इलाज समय पर करवा लेना बहुत जरूरी है, क्युकि अगर आपके दांतों की स्थिति गंभीर हो गई, तो आपकी समस्या बढ़ सकती है। वहीं दांतों में लगें कीटाणु से बचाव के लिए किसी भी तरह के उपाय को खुद से न अपनाए।