बच्चों के दांत निकलने की क्या है उम्र, लक्षण और उपाय ?

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    बच्चों के दांत निकलने की क्या है उम्र, लक्षण और उपाय ?

    बच्चे जब जन्म लेते है तो उनके दांत निकलते है और ये दांत जब निकलते है तो उन्हें काफी दर्द होता है, जिसकी वजह से बच्चे कई बार बीमार भी हो जाते है। इसके अलावा बच्चों में दांत निकलने की सही उम्र क्या है, और दांत निकलने पर उन्हें कैसे दर्द का सामना करना पड़ता है और उनको इस दर्द से कैसे निजात दिलवाया जा सकता है इसके बारे में हम बात करेंगे। तो वही दांत निकलने के दौरान बच्चों को क्या-क्या समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसके बारे में भी बात करेंगे ;बच्चों के दांत निकलने की सही उम्र क्या है ?

    • ऐसा माना जाता है कि बच्चों के दूध के दांत छह महीने की आयु से निकलने शुरू हो जाते हैं। वहीं, कुछ बच्चों के दांत चार माह की आयु में भी निकल आते हैं। 
    • बच्चों के दांत निकलने के शुरुआत की अगर बात करें तो ये 8 से 12 महीने से शुरू होते है और 6 से 7 साल आते-आते टूट जाते है।

    बच्चों में दांत निकलने के लक्षण क्या है ?

    • मसूड़ों में सूजन का आना। 
    • लार का टपकना। 
    • कानों में दर्द होने की वजह से बच्चों के द्वारा अपने कानों को खींचना। 
    • मसूड़ों में दर्द होने की वजह से बच्चे ज्यादा काटते हैं। और साथ ही खिलौने व कपड़े आदि को चबाते है। 
    • मसूड़ों में दर्द होने की वजह से बच्चे कम खाना व दूध को कम पीते है। 

    अगर आपके बच्चों में भी ऐसे कुछ लक्षण दिखाई दे तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में सबसे अच्छा डेंटिस्ट का चयन करना चाहिए।

    बच्चों के दांतों की देखभाल कैसे करें ?

    • नर्म कपड़े से बच्चे के मसूड़ों की नियमित सफाई करें। 
    • बच्चे की प्लेट, चम्मच और कटोरी को अलग रखें। 
    • ऐसा खाना दें, जो विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर हो। इस तरह के खाने से आपके बच्चे के दांत और भी ज्यादा मजबूत बनेंगे।
    • बच्चे को खाने-पीने के लिए मीठी चीजें न दें।
    • जब बच्चे के 20 दांत निकल आएं, तब डेंटल चेकअप करवाएं।
    • अपने बच्चे को बोतल की जगह कप से दूध पिलाने की कोशिश करें। क्युकि बोतल का दूध बच्चों के दांतों के लिए नुकसान देह हो सकता है। 
    • मीठी दवाइयों की वजह से भी बच्चों के दांत खराब होते हैं, क्योंकि वो दांतों में चिपक जाती हैं। इसलिए, मीठी दवा देने के बाद बच्चे को कुल्ला जरूर करवाएं।
    • जब बच्चा 18 महीने का हो जाए, तब आप बच्चे को ब्रश करवाने में मदद कर सकती हैं। इसके लिए बेबी ब्रश का इस्तेमाल करें, जिसके ब्रिसल्स नर्म होने चाहिए।

    दांतों की देखभाल करने के बाद भी बच्चों के दांतों में कीटाणु लगे हो तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में रूट कैनाल ट्रीटमेंट का चयन करना चाहिए लेकिन इसको करवाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें। 

    बच्चों के दांत दर्द कम करने के घरेलू उपाय ?

    • चबाने के लिए नर्म और गीला कपड़ा दे। 
    • टीथर दे। 
    • ठंडा खाना या आइसक्रीम खाने को दे। 
    • मसूड़ों पर साफ़ ऊँगली से मालिश करें। 
    • बच्चे का ध्यान रखें आदि। 

    बच्चों के दांतो के लिए बेहतरीन हॉस्पिटल ?

    • अगर आपके बच्चों के मसूड़ों व दांतों में सूजन या कोई अन्य परेशानी हो तो इससे निजात पाने के लिए आपको लुधियाना डेंटल सेंटर का चयन करना चाहिए। 

    निष्कर्ष !

    बच्चों के दांतों में किसी भी तरह की समस्या होने पर जल्द ही डॉक्टर का चयन करें।