मसूड़ों की बीमारियां जैसे की गम डिजीज या फिर पेरिओडोन्टल रोग होना एक आम समस्या है, जो मसूड़ों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है | गम डिजीज या फिर पेरिओडोन्टल एक गंभीर रोग है, जिसका समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है, यदि समय पर इलाज न किया गया तो यह दांत का ढीला होना या फिर पूरी तरह से गिरने का कारण बन सकता है | गम सर्जरी को मसूड़ों की सर्जरी भी कहते है, जिससे मसूड़ों की बीमारी का सटीकता से इलाज करने के लिए अंतिम विकल्प माना जाता है | यदि आप भी ऐसी ही किसी परिस्थिति से गुजर रहे है तो इलाज के लिए आप लुधियाना डेंटल सेंटर से परामर्श कर सकते है | आइये जाते है इस विषय में विस्तार पूर्वक से :-
कब पड़ती है गम सर्जरी की ज़रुरत ?
मसूड़ों के स्वास्थ्य की गंभीरता के आधार पर डेंटिस्ट गम सर्जरी को करवाने की सलाह देता है | यहाँ ऐसे कुछ मुख्य लक्षण है, जिनके इलाज के लिए गम सर्जरी को करवाने की सलाह दी जाती है :-
- मसूड़ों में सूजन और दर्द :- यदि आपके मसूड़ों में हमेशा सूजन रहती है, जो अतिरिक्त दर्द का कारण बनता है, तो यह पेरियोडोंटिस्ट होने का संकेत हो सकता है |
- मसूड़ों से खून का आना :- यदि ब्रश करने के दौरान आपके दांतों से अतिरिक्त खून निकल रहा है तो यह गंभीर समस्या होने के कारण हो सकता है |
- दांतों का ढीला होना :- अगर आपके दांत काफी ढीले हो गए है तो इसका मतलब यह हुआ की बीमरी आपके दांतों के जड़ तक पहुँच गया है |
- दांतों के बीच गैप का बनना :- मसूड़ों की बीमारी की वजह से दांतों के बीच काफी गैप बनने लग जाता है, जिससे दांतों की हड्डी कमज़ोर होने लग जाती है |
- दांतों के जड़ का दिखाई देना :- जब किस कारणवश मसूड़ें सिकुड़ने लग जाते है , तो इससे दांतों की जड़ें दिखाई देने लग जाते है, जिसके इलाज के लिए आपको मसूड़ों की सर्जरी करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है |
गम सर्जरी कितने प्रकार के होते है ?
गम सर्जरी कई प्रकार के होते है और डेंटिस्ट आपके समस्या के गंभीरता के आधार पर ही इलाज के लिए उपयुक्त विकल्प का चुनाव करता है :-
- गम फ्लैप सर्जरी :- पेरियोडोंटिस्ट जैसी बीमारी होने पर डेंटिस्ट गम फ्लैप सर्जरी को करवाने की सलाह देता है | इस सर्जरी में दांतों के जड़ों और हड्डी के ऊतकों तक पहुंचने के लिए मसूड़ों में छोटा-सा चीरा लगाया जाता है |
- गम ग्राफ्ट सर्जरी :- इस सर्जरी में मसूड़ों के ऊतकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में निकालकर, उसे दांतो के आसपास गायब हुए हिस्सों में लगाया जाता है |
- लेज़र गम सर्जरी :- इस सर्जरी में एइटी यानी संचित ऊर्जा थेरेपी नामक संपदित प्रकार का उपयोग किया जाता है, यह बैक्टीरिया का खात्मा करता है और सूजन को कम करता है | इसके साथ ही ऊतकों को फिर से कवर करने में बहाल करता है |
गम सर्जरी से पहले और बाद में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
गम सर्जरी करवाने से पहले तैयारी के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
- सबसे पहले अपने चिकित्सक के पास अपनी नियुक्ति को बुक करें |
- यदि आप तंबाकू का सेवन करते है, तो सर्जरी से कम से कम एक हफ्ते पहले तंबाकू का सेवन करना बंद कर दें |
- यदि आप किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करते है तो इसकी जानकारी अपने डेंटिस्ट को ज़रूर दें |
- सर्जरी से पहले स्वस्थ भोजन का सेवन करें और खूब सारा पानी पिएं |
- एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी दवाओं का सेवन करने से बचें |
- सर्जरी के बाद खुद को घर तक पहुंचने के लिए पहले से ही किसी व्यक्ति की व्यवस्था ज़रूर करें |
सफलतापूर्वक सर्जरी होने के बाद आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए :-
- सर्जरी के बाद पहले के कुछ दिन कोशिश करें की नरम भोजन का ही सेवन करें |
- सर्जरी वाले हिस्से में सावधानी से ब्रश करें |
- घाव के ठीक होने तक धूम्रपान और शराब जैसे नशीले पदार्थ का सेवन करने से बचें |
- डॉक्टरों द्वारा निर्धारित दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते रहे है, यह दर्द को कम करने में मदद करता है |
- अपने दांतों के सफाई और हाइजीन का ख़ास ध्यान रखें |
- नियमित रूप से अपना चेकअप करवाते रहे |
निष्कर्ष
मसूड़ों की बीमारी एक गंभीर समस्या होती है, जिसका समय अपर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है | यदि आप भी ऐसे किसी परिस्थिति से गुजर रहे है तो इसके इलाज में लुधियाना डेंटल सेंटर आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर बिक्रमजीत सिंह ढिल्लों पंजाब के बेहतरीन प्रोस्थोडोंटिस्ट में से एक है, जो पिछले 10 वर्षों से मसूडों की बीमारी से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए आज ही लुधियाना डेंटल सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर मौजूद नंबरोंसे संपर्क कर सीधा संस्था से भी चयन से कर सकते है |