दंत स्वास्थ्य से जुड़ी कौन-कौन सी परेशानियां का जानना होता है बेहद ज़रूरी ?

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    दंत स्वास्थ्य से जुड़ी कौन-कौन सी परेशानियां का जानना होता है बेहद ज़रूरी ?

    एक व्यक्ति के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ दंत स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि दांतों जुडी बिमारियों का सीधा संबंध हृदय रोग, कैंसर और डायबटीज़ के साथ जुड़ा होता है | ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह बहुत ज़रूरी होता है की वह अपने दांतों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें और दांतों से जुड़ी उन बिमारियों को समझे, जो आपके मौखिक स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचने का काम करते है | आइये जानते है दंत स्वास्थ्य से जुडी ऐसे ही बिमारियों के बारे में जिसका जानना होता है बेहद ज़रूरी :- 

    दंत स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों    

     

    एक व्यक्ति के मुंह में लाखों तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते है, जो दांतों के कोशिकाओं को प्रभावित कर सकते है | लेकिन इनमें से कुछ बैक्टीरिया दांतों के लिए फायदेमंद भी होते है और कुछ बैक्टीरिया होते है, जो दांतों को नुकसान पहुंचाने का कार्य करते है | हालांकि ज्यादातर मामलों में मुंह में मौजूद बैक्टीरिया ही दांतों को प्रभावित कर देते है, जिनमें शामिल है :- 

    • मसूड़ों की बीमारी :- मसूड़ों की बीमारी को गम डिजीज के नाम से भी जाना जाता है, जो दांतों में सही तरीके से फ्लॉस न होने का कारण उत्पन्न होते है | आसान भाषा में बात करें तो यह दांतों को सहारा देने वाली ऊतकों में सूजन और संक्रंमण की समस्या होती है | आइये जानते है मसूड़े की बीमारी के प्रमुख लक्षण कौन-से है :-

     

    • ब्रश करने, फ्लॉस करने या फिर कुछ भी कुरकुरे खाने के दौरान दांतों से खून का आना | 
    • दर्दनाक और मसूड़ों में सूजन का आना 
    • दांतों के बीच गैप आना 
    • मुंह में छालों का होना 

    मसूड़ों के आसपास बने प्लाक और टैटार बिल्डअप को हटाने के लिए दांतों की गहरायी से सफाई करें | हालांकि यह तरीका बहुत से लोगों के लिए दर्दनाक हो सकता है, लेकिन ऐसा करने से आपको मसूड़ों की बीमारी से छुटकारा मिल सकता है |    

    • दांतों में कैविटी होना :- दांतों में कैविटी की समस्या बच्चों से लेकर वयस्कों तक, हर वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है | कैविटी की समस्या ज्यादातर अधिक मीठी चीज़ें, अम्लीय खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ सेवन करने से और अच्छे से ब्रश न करने के कारण उत्पन्न हो सकती है | आइये जानते है दांतों में कैविटी होने के मुख्य लक्षण कौन से है :-

      

    • कैविटी के आसपास वाले क्षेत्र में दर्द का अनुभव होना 
    • खराब मसूड़े 
    • संवेदनशीलता के कारण भोजन चबाने में तकलीफ होना 

       

    • मुंह में छाले का होना :- मुंह में मौजूद हानिकारक कैंडिडा फंगल इन्फेक्शन के बढ़ने के कारण मुंह में छाले की समस्या उत्पन्न हो जाती है | यह समस्या शिशुओं और कम प्रतीक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को सबसे अधिक प्रभावित करते है | यदि इस समस्या को लंबे समय तक अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह कैंडिड इन्फेक्शन टॉन्सिल और गले को लक्षित कर सकता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को कुछ भी निगलने में परेशानी हो सकती है | आइये जानते है मुंह में छाले होने के प्रमुख लक्षण कौन-से है :-

      

    • मुंह में फंगल इन्फेक्शन होने के कारण सफ़ेद घाव का होना 
    • मुंह के कोने पर दरारें और  जलन दर्द होने 
    • भूख की कमी होना और मुंह में स्वाद न आना  

    • मुंह से बदबू आने की समस्या :- हेलिटोसिस यानी मुंह से बदबू को बेड ब्रेथ के नाम से भी जाना जाता है, जिससे व्यक्ति में से मुंह से बदबू आने लग जाती है | हेलिटोसिस मसूड़ों की सूजन और पेरिओडोन्टिस्ट के कारण उतपन्न होता है, जो दांतों और मसूड़ों के आसपास प्लाक और टार्टर के बिल्डप का कारण बनती है | आइये जानते है हेलिटोसिस के प्रमुख लक्षण कौन-से है :-

     

    • मुंह से दुर्गन्ध युक्त सांस लेना 
    • लार का न बनना या फिर नियमित रूप से अधिक बनना 
    • कुछ भी खाने का स्वाद न आना    

    • दांतों का टूटना :- यदि आप नियमित रूप से नट्स और आईएस क्यूब जैसे जटिल पदार्थों को खाते है, तो इससे दांत टूटने का खतरा बना रहता है | टूटे हुए दांतों के कारण दांतों में सेंसिटिविटी की समस्या उत्पन्न हो जाती है |   

     

    और भी ऐसे बीमारियां है, जिससे दांतों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है | इसलिए दांतों के स्वास्थ्य का ख्याल बेहद ज़रूरी होती है | इसके लिए आप हेअल्थी टिप्स को भी अपना सकते है, आइये जानते है दांतों के स्वास्थ्य से जुड़ी हेअल्थी टीप्स के बारे में :-   

     

    मौखिक स्वास्थ्य के हेअल्थी टिप्स 

     

    • रोज़ाना दिन में दो बार ब्रश करें | 
    • 2 से 3 मिनट के लिए दांतों को अच्छे से ब्रश से साफ़ करें |  
    • फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें |  
    • ठंडी चीज़ों का सेवन काम करें |  
    • मीठे और अम्लीय पदार्थों से दूर रहे |  
    • भोजन को चबाने के अलावा, अपने दांतों का उपयोग किसी और चीज़ के लिए न करें | 
    • 2 से 3 महीने के बीच डेंटिस्ट के पास ज़रूर जाएं  | 

     

    यदि आप में कोई भी व्यक्ति दांतों से जुडी किसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित है और इलाज करवाना चाहत है तो इसमें लुधियाना डेंटल क्लिनिक आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर बिक्रमजीत सिंह ढिल्लों पंजाब के बेहतरीन प्रोस्थोडोंटिस्ट और इम्प्लांटोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 10 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही लुधियाना डेंटल क्लिनिक नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अपॉइनमनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संपर्क कर सकते है |