कम्पोजिट टूथ फिलिंग क्या होता है और इस प्रक्रिया से की समस्या का किया जाता है निदान ?

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    कम्पोजिट टूथ फिलिंग क्या होता है और इस प्रक्रिया से की समस्या का किया जाता है निदान ?

    कम्पोजिट टूथ फिलिंग का उपयोग क्षतिग्रस्त हुए दांतों का मरम्मत करने के लिए किये जाना वाला समग्र रोल होता है | आसान भाषा में बात करें तो कम्पोजिट फिलिंग किसी दुर्घटना या फिर सड़न से हुए क्षतिग्रस्त दांतों को बहाल करने के लिए एक भरोसेमंद और सौंदर्यपूर्ण रूप से मनभावना तरीका होता है | यह आपके मूल दांत के प्राकृतिक रंग से बिलकुल मिलता-जुलता होता है और जो अनिवार्य रूप से मानक दंत फिलिंग ही होता है | ऐसी संरचनाओं को रेजिन फिलिंग, सफ़ेद फिलिंग और दांत के रंग की फिलिंग भी कहा जाता है | 

    जब आप दांत के गुहा के इलाज के लिए डेंटिस्ट के पास जाते है, तो डेंटिस्ट अपने दांतों के क्षय वाले हिस्से को निकाल देता है और इसके बाद खाली जगह को पुनर्स्थापनाक राल से भर देता है |  टूथ-कलर्ड रेस्टोरेशन का उपयोग करके टूटे हुए और खोखले हुए दांतों का सटीकता से निवारण किया जाता है, जो दांतो को लगातार पीसने, किसी कारणवश चोट लगने से और नाखूनों को चबाने से उत्पन्न हो सकता है | 

     

    कम्पोजिट टूथ फिलिंग में उपयोग होने वाले उपकरणों का विवरण 

    इस उपचार में डेंटिस्ट सबसे पहले मरीज़ के मुंह को एक लोकल एनेस्थेटिक का उपयोग करके सुन्न कर देता है और ज़रुरत होने पर डेंटिस्ट खराब या फिर बेकार दांतों के हिस्से को डायमंड बर्स और टूथ-हैंडपीसेस जैसे उपकरण की मदद से निकाल देता है | इसके बाद डेंटिस्ट यह सुनिश्चित करने के लिए दांतों के स्थिति का दोबारा से परीक्षण करता है ताकि इससे यह पता चल सके की ख़राब हुए हिस्से का सटीकता से इलाज हुआ है या फिर नहीं, इसके लिए वह एक डेके डिटेक्शन एजेंट उपकरण का उपयोग करता है | टूथ रेस्टोरेशन में डेंस्टिस्ट दांतों को कैविटी से दूर रखने के लिए इसमें मौजूद गन्दगी और बैक्टेरिया को हटा देता है | टूथ-कलर सामग्री को दांतों के परतों में लगाया जाता है और अन्य परतों के लिए प्रत्येक परत को एक अद्वितीय प्रकाश के उपयोग से कठोर या फिर ठीक किया जाता है | इसके बाद दांतों को सही से आकार दिया जाता है, अतिरिक्त सामग्री से छुटकारा पाया जाता है और अंत में इससे पोलिश किया जाता है | अंतिम रेस्टोरेशन करने के बाद गुहा की शक्ति सुनिश्चित करने के लिए आपके दांतों से काटने की क्षमता को जांच किया जाता है |

             

    कम्पोजिट टूथ फिलिंग करने के क्या-क्या फायदे है ? 

    कम्पोजिट टूथ फिलिंग करने के कई फायदे है, जिनमें शामिल है :- 

     

    • कम्पोजिट फिलिंग, दांतों के रंग की तरह होती है, इसलिए यह बाकी दांतों के साथ आसानी से मिल जाती है | 
    • यह दांतों के साथ जाकर चिपक जाती है, जिसकी वजह से दांतों को सहारा मिलता है और दांतों की मज़बूती को बढ़ाता है | 
    • यह दांतों में मौजूद इनेमल को नष्ट होने से बचने का काम करती है | 
    • कम्पोजिट फिलिंग में फ्लोराइड मौजूद होता है, जो दांतों में क्षय रोग के होने से रोकने में मदद करता है |  
    • कम्पोजिट फिलिंग प्राकृतिक दांतों की तरह घिसती है और इसे मसूड़े की रेखाओं पर लगाने की ज़रुरत नहीं पड़ती है | 
    • कम्पोजिट फिलिंग, दुर्घटना में या फिर किसी कारणवश चोट लगने के बाद क्षतिग्रस्त हुए दांतों को बहाल करने के लिए एक अच्छा तरीका होता है | 
    • कम्पोजिट फिलिंग को एक ही बार में और एक ही समय कुशल और लागत प्रभावी के रूप में पूरा किया जाता है | 

     

    कम्पोजिट फिलिंग मूल दांत संरचना से जुड़ा हुआ होता है, जिसका सड़ चुके दांतों की संरचनात्मक अखंडता और दीघार्यु में वृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति ऐसी ही किसी परिस्थिति से गुजर रहा है तो कम्पोजिट टूथ फिलिंग ट्रीटमेंट करने के लिए आप डॉक्टर बिक्रमजीत सिंह ढिल्लों से परामर्श कर सकते है |  

    लुधियाना डेंटल सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बिक्रमजीत सिंह ढिल्लों पंजाब के सर्वोत्तम प्रोस्थोडोंटिक्स और इम्प्लांटोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 10 सालों से दांतों के स्वास्थ्य से जुडी समस्यों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर, उनकी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद कर रहे है | इसलिए आज ही लुधियाना डेंटल सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से बात कर सकते है |