क्या आपका बच्चा दांत निकलने की वजह नहीं सो पा रहा है? डॉक्टर से जाने कैसे करें उनकी मदद

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    बच्चों के विकास में दांत निकलना असल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दरअसल, हर बच्चा बहुत ही अनोखा होता है। आमतौर पर कुछ बच्चे पहले से ही दांतों के साथ पैदा होते हैं, और जबकि कुछ बच्चों का पहला दांत 4 महीने की उम्र में या फिर लगभग 12 महीने की उम्र में भी निकल सकता है। वास्तव में जब बच्चों के दांत मसूड़ों से बाहर निकलने लगते हैं, तो इस को दांत निकलना कहते हैं। बता दें कि जब बच्चों के दांत आने शुरू होते हैं, तो तब उनको कई तरह की समस्यायों का सामना करना पड़ता है। साथ ही इस दौरान बच्चों को इतना ज्यादा दर्द महसूस होता है, कि वह ज्यादातर समय रोते ही रहते हैं और साथ ही वो सुकून की नींद भी नहीं ले पाते हैं। आपको बता दें कि दांत निकलने के दौरान आपके बच्चे के मुँह से लार टपक सकती है, ज्यादातर वह चिड़चिड़ापन  महसूस कर सकता है और साथ ही उसका चीजों को चबाने का बहुत मन कर सकता है। आमतौर पर इसकी वजह से उसके मसूड़ों में दर्द हो सकता है। इस तरह की स्थिति में सवाल यह उठता है, कि आप टीथिंग यानी कि दांत निकलने की स्थिति में अपने बच्चों की सोने में किस तरीके से मदद कर सकते हैं? तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

    टीथिंग यानी कि दांत निकलने की प्रक्रिया में क्या होता है?

    दरअसल टीथिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें आमतौर पर बच्चे के दूध के दांत मसूड़ों को फाड़कर बाहर आते हैं। बता दें कि यह प्रक्रिया आमतौर पर 6 महीने की उम्र से शुरू होती है और लगभग 2 से 3 की उम्र तक चलती है। दरअसल इस दौरान बच्चे को कई तरह के लक्षण और बदलाव महसूस होते हैं। तो आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं की आखिर टीथिंग की प्रक्रिया में क्या होता है, 

    1. दांतों का निकलना : 

    बच्चों में दांतों का निकलना 6 महीने की उम्र से शुरू हो जाता है। आमतौर पर इसमें बच्चों के मसूड़ों से दूध के दांत निकलते हैं, जिसकी वजह से उसको दर्द, सूजन और ज्यादा लार टपकने जैसी समस्या हो सकती है।

    2. मसूड़ों में सूजन : 

    आमतौर पर दांत निकलने के दौरान बच्चों के मसूड़ों में काफी ज्यादा सूजन आ सकती है। आपको बता दें कि बच्चों के मसूड़ों में सूजन आमतौर पर संक्रमण, प्लाक जमने या फिर दांत निकलने के कारण होती है। आमतौर पर इसमें बच्चों के मसूड़े लाल, दर्दनाक और स्पर्श करने पर संवेदनशील हो जाते हैं।

    3. लार का बढ़ना : 

    दरअसल टीथिंग के दौरान बच्चे के मुँह में लार बढ़ने लग जाती है। आमतोरपर बच्चे के मुँह में लार का बढ़ना दांत निकलने या फिर मुंह में किसी उत्तेजना के कारण होता है। आपको बता दें कि इसमें बच्चे के मुँह से आम से काफी ज्यादा लार निकलती है। 

    4. चबाने की इच्छा : 

    बता दें कि बच्चे के दांत निकलते वक्त उसको कुछ न कुछ चबाने की इच्छा होती है। दरअसल इस दौरान चबाने की इच्छा होना एक आम लक्षण है। आमतौर पर इसमें बच्चा मसूड़ों के दबाव और असुविधा से छुटकारा पाने के लिए, ही चीजों को चबाना काफी ज्यादा पसंद करता है।

    5. परेशानी और रोना :

    दांत निकलने के समय आमतौर पर बच्चा परेशान हो सकता है और काफी ज्यादा रो भी सकता है। दरअसल इस दौरान बच्चे का परेशान होना और रोना एक आम लक्षण होता है। बता दें कि मसूड़ों के दर्द और साथ ही बेआरामी होने की वजह से बच्चा ज्यादा चिड़चिड़ा होकर बार-बार रोता है। जिसकी वजह से उसको काफी ज्यादा परेशानी होती है। 

    किस तरिके से दांत निकलते समय बच्चों की सोने में मदद करें?

    जन्म के बाद बच्चे के दांत निकलने की प्रक्रिया माता-पिता के लिए एक चुनौतीपूर्ण वक्त हो सकता है। विशेष रूप से जब यह उनकी नींद को प्रभावित करती है। आपको बता दें कि बच्चे के दांत निकलने की वजह से होने वाली असहजता और दर्द की वजह से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और वह रात में बार-बार जाग जाते हैं। तो आइये इसके माध्यम से जानते हैं कि इस दौरान आप क्या कर सकते हैं, 

    1. मसूड़ों की हल्की मालिश करें

    इस दौरान आपको अपने साफ हाथों से या फिर गीले मुलायम कपड़े की मदद से अपने बच्चे के मसूड़ों की धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए। यह बच्चे के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि बच्चे के मसूड़ों की हल्की मालिश दांत निकलने के दौरान उस को आराम प्रदान करती है। आपको बता दें कि इसकी वजह से बच्चे को दर्द और सूजन से राहत मिलती है, मसूड़ों का दबाव कम होता है और साथ के साथ बच्चे को सोने में काफी ज्यादा आसानी होती है।

    2. ठंडे टीथिंग रिंग का इस्तेमाल करें

    दरअसल आप इस दौरान अपने बच्चे को ठंडा (न बहुत ठंडा और न ही बहुत जमा हुआ) टीथिंग रिंग या फिर ठंडे कपड़े को चबाने के लिए दे सकते हैं। दरअसल इस की मदद से आपके बच्चे के मसूड़ों की सूजन और दर्द कम होता है। जिस की वजह से बच्चे को काफी ज्यादा आराम मिलता है और बच्चे के मसूड़ों को सुन्न करने में भी मदद मिल सकती है। 

    3. ठंडे और नरम आहार दें

    आमतौर पर अगर आपका बच्चा ठोस आहार खाने के लायक हो गया है, तो इस दौरान आप उसको ठंडे केले की मैश, दही, खीरा या फिर गाजर के टुकड़े चबाने के लिए दे सकते हैं। आमतौर पर इससे उसके मसूड़ों को काफी ज्यादा राहत मिलेगी और बच्चे को  पोषण प्राप्त होगा। आपको बता दें कि बच्चे को ठंडे और नरम आहार देने की वजह से उसके मसूड़ों की जलन कम होती है, जिसकी वजह से वो आसानी से सो पाते हैं। 

    4. ब्रेस्टफीडिंग या फिर दूध की बोतल दें

    दरअसल दांत निकलते समय बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग या फिर दूध की बोतल देना दरअसल यह बच्चे को दर्द से आराम और काफी ज्यादा सुकून प्रदान करता है। आमतौर पर अगर आपका बच्चा ज्यादातर ब्रेस्टफीड कर रहा है, तो फिर उस को ज्यादा समय तक अपना दूध पिलाएं। बता दें कि बच्चे के द्वारा चूसने की प्रक्रिया करने पर बच्चे को दर्द कम होता है और इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि, बोतल का दूध न ज्यादा गर्म न ही ज्यादा ठंडा हो, ऐसा होने पर आपके बच्चे को काफी ज्यादा परेशानी हो सकती है। दरअसल दूध पीने से बच्चे की भूख मिटती है, दर्द से ध्यान हटता है और साथ ही उस को काफी ज्यादा आराम मिलता है, जिसकी वजह से उसको अच्छी नींद आने में आसानी होती है।

    5. शिशु का सिर ऊपर रखें

    वास्तव में अगर आपके बच्चे के दांत निकलने के समय उसको काफी ज्यादा लार या फिर नाक बंद होने जैसी  समस्या हो रही है, तो इस दौरान उसका सिर थोड़ा ऊंचा रखें। इसकी वजह से उसको इस समस्या से आराम मिल सकता है। दरअसल आप इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान तकिया या फिर ढीले कपड़े का ही उपयोग करें। आमतौर पर इसकी वजह से बच्चे की सुरक्षित निंद्रा में बाधा नहीं पड़नी चाहिए। आमतौर पर इसके अलावा बच्चे का सिर ऊपर रखने से उस को दूध पीते समय आराम मिलता है और दूध को निगलने में आसानी होती है, जिसकी मदद से वह किसी असुविधा के बिना सो सकता है। 

    6. बच्चे को हाइड्रेटेड रखें

    पानी छोटे और बड़ों दोनों के लिए काफी ज्यादा मत्वपूर्ण होता है। आपको बता दें कि छह महीने से बड़े बच्चों को ठंडा पानी सिप्पी कप में दें। दरअसल इस दौरान अपने बच्चे को हाइड्रेटेड रखने से उसके शरीर में पानी की कमी बिल्कुल भी नहीं होगी और इससे वह कम चिड़चिड़ाएंगे। इसके आलावा उसको इससे मसूड़ों की तकलीफ में भी आराम मिलता है।

    7. आरामदायक बेड टाइम रूटीन बनाएं

    बता दें कि आरामदायक बेड टाइम रूटीन बनाने की वजह से बच्चे को सुरक्षा और साथ ही सुकून का एहसास होता है। जिसकी मदद से बच्चा आराम से सो पाता है। इसके अलावा आप सोने से पहले बच्चे को हल्के गुनगुने पानी से स्नान, इसके बाद लोरी, गाना या फिर बच्चे की हल्की मालिश कर सकते हैं, दरअसल इससे बच्चा काफी ज्यादा शांत महसूस करता है और साथ ही उसको इससे काफी अच्छी और सुकून भरी नींद आती है। 

    8. दर्द निवारक दवा

    आपके बच्चे के दांत निकलते समय अगर बच्चे को ज्यादा दर्द हो और साथ ही बच्चा बहुत ज्यादा असहज महसूस कर रहा हो, तो इस दौरान आप डॉक्टर की सलाह से पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दर्द निवारक दवा को दे सकते हैं। आमतौर पर इसकी मदद से बच्चे का दर्द और सूजन कम होती है और साथ ही बच्चे को काफी ज्यादा आराम मिलता है। हालांकि आप इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान आपको बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चे को कोई भी दवा नहीं देनी है। 

    9. प्यार और सहारा दें

    आमतौर पर इस दौरान आप अपने बच्चे को काफी ज्यादा प्यार और सहारा दें, जिससे बच्चा दांत निकलने पर होने वाले दर्द को भूल जाए। बता दें कि इस दौरान अपने बच्चे को गोद में लेकर उस को साथ ही गले लगाकर और काफी ज्यादा समय देकर उस को सुरक्षा और आराम महसूस कराएं। इससे बच्चे की नींद में काफी ज्यादा सुधार होता है। इसके अलावा अपने बच्चे को प्यार और सहारा देने से वह काफी ज्यादा सुरक्षित और शांत महसूस करता है, जिसकी मदद से बच्चे के दांत निकलने के समय उसका दर्द और चिड़चिड़ापन काफी ज्यादा कम हो जाता है।

    निष्कर्ष

    हर बच्चा अनोखा होता है, और इसके विकास में टीथिंग असल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब बच्चों के दांत मसूड़ों से बाहर निकलने लगते हैं, तो इस को दांत निकलना कहते हैं। जब बच्चों के दांत आने शुरू होते हैं, तो उनको कई तरह की समस्यायों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उनको इतना दर्द होता है, कि वह ज्यादातर समय रोते रहते हैं और सुकून की नींद भी नहीं ले पाते हैं। दरअसल दांत निकलने के दौरान आपके बच्चे के मुँह से लार टपक सकती है, ज्यादातर वह चिड़चिड़ापन महसूस कर सकता है और उसका चीजों को चबाने का मन कर सकता है, जिससे उसके मसूड़ों में दर्द हो सकता है। आप टीथिंग के दौरान बच्चों की सोने में मदद कर सकते हैं, जैसे रोजाना आप अपने बच्चे के मसूड़ों की हल्की मालिश करें, ठंडे टीथिंग रिंग का इस्तेमाल करें, ठंडे और नरम आहार दें, ब्रेस्टफीडिंग या फिर दूध की बोतल दें, शिशु का सिर ऊपर रखें और साथ ही अपने बच्चे को हाइड्रेटेड रखें आदि। हालांकि अगर आपका बच्चा इस दौरान बहुत ज्यादा असहज महसूस कर रहा है या फिर उसको कोई और समस्या हो रही है, तो आपको इस तरह की स्थिति को बिल्कुल भी नज़रअंदान नहीं करना चाहिए, ऐसे में आप इसके बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है और अगर आपके बच्चे को भी इस तरह की कोई समस्या है या इस दौरान वह ज्यादा दर्द महसूस कर रहा है और आप इसके बारे में डॉक्टर से सलाह करना चाहते हैं तो आप आज ही लुधियाना डेंटल सेंटर में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।